Last modified on 12 फ़रवरी 2023, at 21:03

आपके पास थोड़ी खुशी देख ली / बाबा बैद्यनाथ झा

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:03, 12 फ़रवरी 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बाबा बैद्यनाथ झा |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आपके पास थोड़ी खुशी देख ली।
खूबसूरत बनी ज़िन्दगी देख ली।

ग़मज़दा है, नहीं कुछ पता था मगर,
भूल से आँख में कुछ नमी देख ली।

नींद टूटी अचानक अभी रात में,
ख़्वाब में जब हसीं मनचली देख ली।

प्यार करना सरल है सभी जानते,
लुत्फ़ जिसने लिया बेखुदी देख ली।

उस हठी शख़्श का अब पता चल गया,
मुल्क के वास्ते रहबरी देख ली।

संगदिल भी झुका इश्क के सामने,
आपने आज जादूगरी देख ली।

राह 'बाबा' दिखाते ग़ज़ल गीत में,
आज़ मैंने पढ़ी रोशनी देख ली।