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फूल पत्थर पर खिला है / बाबा बैद्यनाथ झा
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फूल पत्थर पर खिला है
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रचनाकार | बाबा बैद्यनाथ झा |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- खूब ख़ुशियाँ मिलीं न जीवन में / बाबा बैद्यनाथ झा
- जी रहा है ठाठ से वह बेचता ईमान है / बाबा बैद्यनाथ झा
- गीत हम रोज़ गुनगुनाते हैं / बाबा बैद्यनाथ झा
- जभी मंच पर खूब जाने लगेंगे / बाबा बैद्यनाथ झा
- आपको है नहीं पास आना / बाबा बैद्यनाथ झा
- किसी भी नगर में रहे / बाबा बैद्यनाथ झा
- आज बस खौफ़ के नज़ारे हैं / बाबा बैद्यनाथ झा
- हवा चल रही है अभी मौसमी / बाबा बैद्यनाथ झा
- प्यार पाकर आपका जिस दिन फ़ना हो जाऊँगा / बाबा बैद्यनाथ झा
- मुसीबत अभी है बहुत ही बड़ी / बाबा बैद्यनाथ झा
- आपसे मैं मिला नहीं होता / बाबा बैद्यनाथ झा
- कहीं भी हमारा गुजारा नहीं / बाबा बैद्यनाथ झा
- अभी देख मौसम बड़ा है सुहाना / बाबा बैद्यनाथ झा
- आ गया मौसम सुहाना / बाबा बैद्यनाथ झा
- आपसे मेरी हुई जब प्रीत है / बाबा बैद्यनाथ झा
- पाँव को देख रास्ता बनता / बाबा बैद्यनाथ झा
- उसे भी मद्य पीने की लगी जब ख़ूब आदत है / बाबा बैद्यनाथ झा
- आपके पास थोड़ी खुशी देख ली / बाबा बैद्यनाथ झा
- देगा न एक कोई इशारा तुम्हारे बाद / बाबा बैद्यनाथ झा