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आपके पास थोड़ी खुशी देख ली / बाबा बैद्यनाथ झा
Kavita Kosh से
आपके पास थोड़ी खुशी देख ली।
खूबसूरत बनी ज़िन्दगी देख ली।
ग़मज़दा है, नहीं कुछ पता था मगर,
भूल से आँख में कुछ नमी देख ली।
नींद टूटी अचानक अभी रात में,
ख़्वाब में जब हसीं मनचली देख ली।
प्यार करना सरल है सभी जानते,
लुत्फ़ जिसने लिया बेखुदी देख ली।
उस हठी शख़्श का अब पता चल गया,
मुल्क के वास्ते रहबरी देख ली।
संगदिल भी झुका इश्क के सामने,
आपने आज जादूगरी देख ली।
राह 'बाबा' दिखाते ग़ज़ल गीत में,
आज़ मैंने पढ़ी रोशनी देख ली।