जभी मंच पर खूब जाने लगेंगे।
उसी वक़्त से आप छाने लगेंगे।
सनम साथ में हो नदी के किनारे,
तभी रोज़ मौसम सुहाने लगेंगे।
रखेंगे हमेशा अगर सोच अच्छी,
पुराने सभी ग़म भुलाने लगेंगे।
फ़रेबी बहुत वह पता चल गया तो,
सभी दोस्त पीछा छुड़ाने लगेंगे।
ग़ज़ल आप 'बाबा' कहें तो यहाँ पर,
खुशी में सभी साथ गाने लगेंगे॥