भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जभी मंच पर खूब जाने लगेंगे / बाबा बैद्यनाथ झा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जभी मंच पर खूब जाने लगेंगे।
उसी वक़्त से आप छाने लगेंगे।

सनम साथ में हो नदी के किनारे,
तभी रोज़ मौसम सुहाने लगेंगे।

रखेंगे हमेशा अगर सोच अच्छी,
पुराने सभी ग़म भुलाने लगेंगे।

फ़रेबी बहुत वह पता चल गया तो,
सभी दोस्त पीछा छुड़ाने लगेंगे।

ग़ज़ल आप 'बाबा' कहें तो यहाँ पर,
खुशी में सभी साथ गाने लगेंगे॥