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अभी देख मौसम बड़ा है सुहाना / बाबा बैद्यनाथ झा
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अभी देख मौसम बड़ा है सुहाना।
लिखूँ गीत सुन्दर सुनाऊँ तराना।
कहाँ भाव खोजूँ अगर सामने तुम,
ग़ज़ब है तुम्हारा सनम मुस्कुराना।
उठो हाथ पकड़ो हमें नाचना है,
बनाओ नहीं आज कोई बहाना।
नदी के किनारे चलो घूम आएँ,
नहीं देख पाए वहाँ पर ज़माना।
अगर प्यार सच्चा भला क्यों डरें हम,
हमें साथ है जब जनम भर निभाना।