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पाँव को देख रास्ता बनता / बाबा बैद्यनाथ झा

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पाँव को देख रास्ता बनता।
नेक हो सोच हौसला बनता।

पेट भरता नहीं कमाई से,
भूख की मार से बुरा बनता।

फ़र्ज़ हरदम रहा निभाना जो,
वक़्त पर ख़ूब फ़ायदा बनता।

शब्द-भंडार हो बड़ा मन में,
शेर दर शेर काफ़िया बनता।

काम अच्छे करे हमेशा जो,
आदमी एक दिन ख़ुदा बनता।