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साँचा:KKRekhankitRachnaakaar

 रेखांकित रचनाकार
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गोपालदास "नीरज" साहित्य के उज्ज्वल नक्षत्र हैं। उनका नाम सुनते ही सामने एक ऐसा शख़्स उभरता है जो स्वयं डूबकर कविताएँ लिखता है और पाठक को भी डुबा देने की क्षमता रखता है। जब नीरज मंच पर होते हैं तब उनकी नशीली कविता और लरज़ती आवाज़ श्रोता-वर्ग को दीवाना बना देती है।