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नगरपालिका वर्णन / काका हाथरसी

[[Category:हास्य रस] पार्टी बंदी हों जहाँ , घुसे अखाड़ेबाज़

मक्खी , मच्छर , गंदगी का रहता हो राज

का रहता हो राज , सड़क हों टूटी - फूटी

नगरपिता मदमस्त , छानते रहते बूटी

कहँ ‘ काका ' कविराय , नहीं वह नगरपालिका

बोर्ड लगा दो उसके ऊपर ‘ नरकपालिका '