Last modified on 29 मई 2009, at 16:15

जिजीविषा / रवीन्द्र दास

Bhaskar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:15, 29 मई 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: न रहेगा कोलगेट और न रहेगा कंप्यूटर रहेगा सादा पानी , मेरी कविता ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

न रहेगा कोलगेट

और न रहेगा कंप्यूटर

रहेगा सादा पानी ,

मेरी कविता

और मैं ....

मैं यानि मेरी इच्छाएं

मैं अक्सर सोचता हूँ

मैं अक्सर चाहता हूँ

मैं .....

यानि मेरी दुनिया

अनंत आकाश में

अनंत विचरते हुए मेरे अनंत स्वप्न.