- आशिक़ी में है महवियत दरकार / आसी ग़ाज़ीपुरी
- ताबे-दीदार जो लाये मुझे वो दिल देना / आसी ग़ाज़ीपुरी
- चन्द शेर / आसी ग़ाज़ीपुरी
- न कभी के बादापरस्त हम... / आसी ग़ाज़ीपुरी
- नहीं होता कि बढ़कर हाथ रख दें / आसी ग़ाज़ीपुरी
- वे तेरे, जीने की किस जी से... / आसी ग़ाज़ीपुरी
- एक रुबाई / आसी ग़ाज़ीपुरी
- जो रही और कोई दम... / आसी ग़ाज़ीपुरी
- इश्क़ ने फ़रहाद के परदे में... / आसी ग़ाज़ीपुरी
- कोई तो पीके निकलेगा... / आसी ग़ाज़ीपुरी