गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 21 जुलाई 2009, at 19:16
वहीं / केशव शरण
अनिल जनविजय
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 19:16, 21 जुलाई 2009 का अवतरण
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशव शरण |संग्रह=जिधर खुला व्योम होता है / केशव श...)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
केशव शरण
»
जिधर खुला व्योम होता है
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
कितने पौधे
सूखे जा रहे हैं
वहीं, जहाँ लोग
सूखे हुए पीपल को
सींचे जा रहे हैं।