वे, सड़क, पानी
बिजली को मुद्दा बनाते
और वे, मंदिर-मस्जिद को
और दोनों की
सभाएँ सुनकर लौटती जनता
पहले से ज़्यादा
गंजापन लिए
सिर पर हथेलियाँ फेरती-
घर लौट आती है।
वे, सड़क, पानी
बिजली को मुद्दा बनाते
और वे, मंदिर-मस्जिद को
और दोनों की
सभाएँ सुनकर लौटती जनता
पहले से ज़्यादा
गंजापन लिए
सिर पर हथेलियाँ फेरती-
घर लौट आती है।