लेखक: कैफ़ी आज़मी
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अब और क्या तेरा बीमार बाप देगा तुझे
बस एक दुआ कि ख़ुदा तुझको कामयाब करे
वो टाँक दे तेरे आँचल में चाँद और तारे
तू अपने वास्ते जिस को भी इंतख़ाब करे
इंतख़ाब = चुनाव
लेखक: कैफ़ी आज़मी
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अब और क्या तेरा बीमार बाप देगा तुझे
बस एक दुआ कि ख़ुदा तुझको कामयाब करे
वो टाँक दे तेरे आँचल में चाँद और तारे
तू अपने वास्ते जिस को भी इंतख़ाब करे
इंतख़ाब = चुनाव