Last modified on 7 नवम्बर 2009, at 12:10

पुल / अवतार एनगिल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:10, 7 नवम्बर 2009 का अवतरण

दूर
बहुत दूर
सुनाई दे रही
ख़ुश्बू की आहट

पास बहुत
भटकती है
गुलमोहरी कसक

दूरी और सामीप्य में
लहरा रहा है
एक क्षण।