Last modified on 9 नवम्बर 2009, at 23:54

बहूरानी / वर्तिका नन्दा

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:54, 9 नवम्बर 2009 का अवतरण ("बहूरानी / वर्तिका नन्दा" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बड़े घर की बहू को कार से उतरते देखा
और फिर देखीं अपनी
पाँव की बिवाइयाँ
फटी जुराब से ढकी हुईं
एक बात तो मिलती थी फिर भी उन दोनों में-
दोनों की आँखों के पोर गीले थे