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बहूरानी / वर्तिका नन्दा
Kavita Kosh से
बड़े घर की बहू को कार से उतरते देखा
और फिर देखीं अपनी
पाँव की बिवाइयाँ
फटी जुराब से ढकी हुईं
एक बात तो मिलती थी फिर भी उन दोनों में-
दोनों की आँखों के पोर गीले थे