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सड़क / अवतार एनगिल

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परछाईयों के जाल पर
थके कदमों की वापसी
रोज़ की बात है

कभी-कभी लगता है
अब कुछ नया नहीं

फिर भी
तारकोल बिछी सड़कों से हटकर
गाँव के कच्चे रास्तों पर
धड़कते हैं
भागते एक बच्चे के
दो किशोर पाँव !