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मेरी कविता / मुकेश मानस

मेरी कविता

ऐसी हो मेरी कविता
जो इस बुरे वक्त की
तकलीफ़ें बांट सके
गहराते अंधकार को
जितना हो छांट सके

रचनाकाल:2000