Last modified on 27 अप्रैल 2007, at 23:35

हाथों के दिन / त्रिलोचन

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:35, 27 अप्रैल 2007 का अवतरण (New page: रचनाकार: त्रिलोचन शास्‍त्री Category:कविताएँ Category:त्रिलोचन शास्‍त्री ~*~*~*...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रचनाकार: त्रिलोचन शास्‍त्री

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

हाथों के दिन आयेंगे, कब आयेंगे,
यह तो कोई नहीं बताता, करने वाले
जहाँ कहीं भी देखा अब तक डरने वाले
मिलते हैं। सुख की रोटी कब खायेंगे,
सुख से कब सोयेंगे, उस को कब पायेंगे,
जिसको पाने की इच्छा है, हरने वाले,
हर हर कर अपना-अपना घर भरने वाले,
कहाँ नहीं हैं। हाथ कहाँ से क्या लायेंगे।

हाथ कहाँ हैं,वंचक हाथों के चक्के में
बंधक हैं,बँधुए कहलाते हैं, धरती है
निर्मम,पेट पले कैसे इस उस मुखड़े
की सुननी पड़ जाती है, धौंसौं के धक्के में
कौन जिए।जिन साँसों में आया करती है
भाषा,किस को चिन्ता है उसके दुखड़ों की।