रचनाकार: चंद्र कुमार जैन
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
अपने कद को
ध्यान में रखकर
उसने
खड़ी की ऊँची दीवारें
और बनाया
एक गगनचुंबी महल
अब क्या है
महल ही जब ऊँचा हो गया
तो आदमी का कद.....!!!
रचनाकार: चंद्र कुमार जैन
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अपने कद को
ध्यान में रखकर
उसने
खड़ी की ऊँची दीवारें
और बनाया
एक गगनचुंबी महल
अब क्या है
महल ही जब ऊँचा हो गया
तो आदमी का कद.....!!!