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गुपचुप हजम करोगे / नागार्जुन

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रचनाकार: नागार्जुन

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कच्ची हजम करोगे
पक्की हजम करोगे
चूल्हा हजम करोगे
चक्की हजम करोगे

बोफ़ोर्स की दलाली
गुपचुप हजम करोगे
नित राजघाट जाकर
बापू-भजन करोगे

वरदान भी मिलेगा
जयगान भी मिलेगा
चाटोगे फैक्स फेयर
दिल के कमल खिलेंगे

फोटे के हित उधारी
मुस्कान रोज दोगे
सौ गालियाँ सुनोगे
तब एक भोज दोगे

फिर संसदें जुड़ेंगी
फिर से करोगे वादे
दीखोगे नित नए तुम
उजली हँसी में सादे

बोफ़ोर्स की दलाली
गुपचुप हजम करोगे
नित राजघाट जाकर
बापू-भजन करोगे