माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाएँ
माखनलाल चतुर्वेदी
जन्म | 04 अप्रैल 1889 |
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निधन | 30 जनवरी 1968 |
उपनाम | एक भारतीय आत्मा |
जन्म स्थान | ग्राम बबई, जिला होशंगाबाद, मध्य प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
हिम किरीटनी, हिम तरंगिनी, युग चारण, साहित्य देवता | |
विविध | |
काव्य संग्रह "हिम तरंगिनी" के लिये 1955 का साहित्य अकादमी पुरस्कार। | |
जीवन परिचय | |
माखनलाल चतुर्वेदी / परिचय |
- एक तुम हो / माखनलाल चतुर्वेदी
- लड्डू ले लो / माखनलाल चतुर्वेदी
- मैं अपने से डरती हूँ सखि / माखनलाल चतुर्वेदी
- कैदी और कोकिला / माखनलाल चतुर्वेदी
- कुंज कुटीरे यमुना तीरे / माखनलाल चतुर्वेदी
- गिरि पर चढ़ते, धीरे-धीर / माखनलाल चतुर्वेदी
- सिपाही / माखनलाल चतुर्वेदी
- वरदान या अभिशाप? / माखनलाल चतुर्वेदी
- बलि-पन्थी से / माखनलाल चतुर्वेदी
- जवानी / माखनलाल चतुर्वेदी
- अमर राष्ट्र / माखनलाल चतुर्वेदी
- उपालम्भ / माखनलाल चतुर्वेदी
- मुझे रोने दो / माखनलाल चतुर्वेदी
- तुम मिले / माखनलाल चतुर्वेदी
- बदरिया थम-थमकर झर री ! / माखनलाल चतुर्वेदी
- यौवन का पागलपन / माखनलाल चतुर्वेदी
- झूला झूलै री / माखनलाल चतुर्वेदी
- घर मेरा है? / माखनलाल चतुर्वेदी
- तान की मरोर / माखनलाल चतुर्वेदी
- पुष्प की अभिलाषा / माखनलाल चतुर्वेदी
- तुम्हारा चित्र / माखनलाल चतुर्वेदी
- दूबों के दरबार में / माखनलाल चतुर्वेदी
- बसंत मनमाना / माखनलाल चतुर्वेदी
- तुम मन्द चलो / माखनलाल चतुर्वेदी
- जागना अपराध / माखनलाल चतुर्वेदी
- यह किसका मन डोला / माखनलाल चतुर्वेदी
- चलो छिया-छी हो अन्तर में / माखनलाल चतुर्वेदी
- भाई, छेड़ो नही, मुझे / माखनलाल चतुर्वेदी
- उस प्रभात, तू बात न माने, / माखनलाल चतुर्वेदी
- ऊषा के सँग, पहिन अरुणिमा / माखनलाल चतुर्वेदी
- मधुर-मधुर कुछ गा दो मालिक / माखनलाल चतुर्वेदी
- आज नयन के बँगले में / माखनलाल चतुर्वेदी
- यह अमर निशानी किसकी है? / माखनलाल चतुर्वेदी
- मचल मत, दूर-दूर, ओ मानी / माखनलाल चतुर्वेदी
- अंजलि के फूल गिरे जाते हैं / माखनलाल चतुर्वेदी
- क्या आकाश उतर आया है / माखनलाल चतुर्वेदी
- कैसी है पहिचान तुम्हारी / माखनलाल चतुर्वेदी
- नयी-नयी कोपलें / माखनलाल चतुर्वेदी
- ये प्रकाश ने फैलाये हैं / माखनलाल चतुर्वेदी
- फुंकरण कर, रे समय के साँप / माखनलाल चतुर्वेदी
- संध्या के बस दो बोल सुहाने लगते हैं / माखनलाल चतुर्वेदी
- जाड़े की साँझ / माखनलाल चतुर्वेदी
- समय के समर्थ अश्व / माखनलाल चतुर्वेदी
- मधुर! बादल, और बादल, और बादल / माखनलाल चतुर्वेदी
- जीवन, यह मौलिक महमानी / माखनलाल चतुर्वेदी
- उठ महान / माखनलाल चतुर्वेदी
- ये वृक्षों में उगे परिन्दे / माखनलाल चतुर्वेदी
- इस तरह ढक्कन लगाया रात ने / माखनलाल चतुर्वेदी
- गाली में गरिमा घोल-घोल / माखनलाल चतुर्वेदी
- प्यारे भारत देश / माखनलाल चतुर्वेदी
- साँस के प्रश्नचिन्हों, लिखी स्वर-कथा / माखनलाल चतुर्वेदी
- वेणु लो, गूँजे धरा / माखनलाल चतुर्वेदी
- ० / माखनलाल चतुर्वेदी
- ० / माखनलाल चतुर्वेदी