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नेमसर / कन्हैया लाल सेठिया

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चोर रा हाथ

साचा

पण पग काचा,

कीं न कीं कसर

राखे कुदरत नेमसर

नहीं' स कदे'र रो ही

खिंड भिंड ज्यातो

भानमती रो पसगर  !