डर भूत सूं
का पछै भूत हुवणै सूं
आज रा नगाड़ा बाजै
आखै जग में
आली माटी सूं
घरमाटिया मांडतै टाबर रो
हरख-उछब
आज है,
अतीत रा ढूंढ़ा
अर भविस रा म्हैल-माळिया
पीड़ रा परनाळा।
अबै हांसणो का रोवणो
आपरै सारू है।
डर भूत सूं
का पछै भूत हुवणै सूं
आज रा नगाड़ा बाजै
आखै जग में
आली माटी सूं
घरमाटिया मांडतै टाबर रो
हरख-उछब
आज है,
अतीत रा ढूंढ़ा
अर भविस रा म्हैल-माळिया
पीड़ रा परनाळा।
अबै हांसणो का रोवणो
आपरै सारू है।