Last modified on 7 दिसम्बर 2010, at 23:32

गलफुल्ले आम / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:32, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

गोलाकार रूप के
रसीले गलफुल्ले आम
हल्दिया-गुलाबी
और गुठली-गठीले हैं;
रुचिकर रस के शहददार,
मंद-मंद मोहक महकदार,
दाब-दाब दबते
निचुड़ते हठीले हैं;
अमरस देते
और तृप्त कर देते हैं,
हमको रोमानी आम
मुग्ध कर लेते हैं

रचनाकाल: १६-०६-१९७६, मद्रास