इंद्रजित भालेराव
जन्म | 05 जनवरी 1962 |
---|---|
जन्म स्थान | महाराष्ट्र, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
कुल दस काव्य-संग्रह | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
इंद्रजित भालेराव / परिचय |
"लोककथा पिता की"
लोककथा में राजकुमारी का जीवन जैसे तोते में होता है वैसे ही पिता का जीवन भी फसल में होता है,
तोते के पंख उतार दिए जाते है तो राजकुमारी के हाथ टूटकर गिर जाते हैं, तोते की गर्दन मरोड़ दी जाती है तो राजकुमारी की गर्दन टूट जाती है, तोते की जान चली जाती है तो राजकुमारी भी मर जाती है,
बारिश ने मुंह मोड़ लेने से जब भी फसल सूख जाती है, वैसे पिता जी का चेहरा भी सूख जाता है,
फसल ने मान झुका ली तो पिता भी मान झुका लेते हैं, और मान लीजिए कि फसल उगी ही नहीं तो पिता खुद को मिट्टी में गाड़ लेते हैं,
पिता को जिंदा रखना है तो अब कुछ भी करके फसल को बचाना होगा !!!
(मूल मराठी कविता
-इंद्रजीत भालेराव
हिंदी अनुवाद - विजय नगरकर)
- अनुवाद