खोजते-खोजते
थम जाती दृष्टियां
नहीं पाती
उसका पता
ढूंढ वह लेता मगर
उन थकी-हारी दृष्टियों को
सूक्ष्म से सूक्ष्म परतों के
अन्दर देख लेने वाला
सर्वज्ञ वह है।
(कुरआन, सूरा-6, आयत-104 का भावान्तरण)
खोजते-खोजते
थम जाती दृष्टियां
नहीं पाती
उसका पता
ढूंढ वह लेता मगर
उन थकी-हारी दृष्टियों को
सूक्ष्म से सूक्ष्म परतों के
अन्दर देख लेने वाला
सर्वज्ञ वह है।
(कुरआन, सूरा-6, आयत-104 का भावान्तरण)