Last modified on 12 मार्च 2014, at 00:41

चाहा / प्रेमशंकर रघुवंशी

समुद्र से
खारेपन का
रहस्य जानना चाहा
तो वह
सूरज की किरणों पर सवार हो
आकाश के माथे पर चढ़कर
गरजने लगा
तड़कने लगा बिजलियों के साथ
और मेघों का कारवाँ लिए
बरसने लगा सर्वत्रा !!