फाग समय रसलीन बिचारि लला पिचकी तिय आवत लीनें।
आइ जबै दिढ़ ह्वै निकसी तब औचक चोट उरोजन कीनें।
लागत धार दोऊ कुच में सतराइ चितै उन बाल नवीनें।
झटाक दै तोर चटाक दै माल छटाक दै लाल के गाल में दीनें॥79॥
फाग समय रसलीन बिचारि लला पिचकी तिय आवत लीनें।
आइ जबै दिढ़ ह्वै निकसी तब औचक चोट उरोजन कीनें।
लागत धार दोऊ कुच में सतराइ चितै उन बाल नवीनें।
झटाक दै तोर चटाक दै माल छटाक दै लाल के गाल में दीनें॥79॥