Last modified on 22 जून 2016, at 04:16

भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू, भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू / भवप्रीतानन्द ओझा

झूमर (शिव स्वरूप वर्णन)

भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू, भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू
जटाँ बीचें गंगा कुलू-कुलू
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू।
ईश्वर शिव सुंदर, हेम गौर कलेवर,
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू।
देहा पेॅ सँपा छुलू-मुलू
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू।
कपारें किशोर चाँद, दाँड़ाँ बाघ-छाल बाँध,
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू।
कान में धथू झुलू-झुलू
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू।
रमत वृषभ पेॅ, कारे गौरी गणेशर
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू।
नाचे भूता हाँसे खुलू-खुलू
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू।
भवप्रीताक निवेदन, अन्तें दीहा श्री चरण,
(जैसें) जमें ताकी रहेॅ मुलू-मुलू
भाँगें आँखि ढुलू-ढुलू।