गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कुण सुणै / प्रमोद कुमार शर्मा
485 bytes added
,
08:26, 18 दिसम्बर 2010
{{KKCatKavita}}
<Poem>
कूड़ी बात है
कै कोई जिको सुणै
फगत सुरतां ई सुणै
वा‘ई गुणै भावां नै
अर दरसावै आपरा रूप।
म्है तो फगत करां हां
इण रूड़ै मारग जातरा
पाळयां बैम रा भरूंटिया
जका भरता रैवै
आखी उमर चरूंटिया।
</Poem>
आशिष पुरोहित
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits