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12:51, 17 अप्रैल 2011 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
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{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=खड़ी बोली
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<poem>
माई री मैं टोना करिहों मई री मैं टोना करिहों
कागा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरया की आँख रे/ 2
इन तीनन को सुर्मा करिहों 2 /सुर्मा बनाय पिया की आखिन लगैहों 2
वो ओ तके न पराई नार रे २/----------- माई री मैं टोना करिहों २
कागा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरैया की आँख रे 2
इन तीनन को ताबीज बनैहों २ /बांधूं बांधूं पिया के हाथ रे 2
बाँधे ताबीज पिया हाथ न हिलैहे२/ वो तो छुवे न पराई नार रे २-------माई री मैं टोना करिहों २
कागा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरैया की आँख रे 2
इन तीनन को भसम बनैहों २ लगाऊं पिया के पैर रे २भसम lagay
भसम लगायपिया पैर न चलिहें २ वो तो चढ़े न पराई सेज रे २ माई री मैं टोना करिहों 2
</poem>