[[किराएदार / अनवर ईरज]] ज़रा इसके हिज्जे देख लें।
मैं वापस काम पर लग गया हूँ। [[सदस्य:Sumitkumar kataria|सुमितकुमार कटारिया]]([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]]) ०४:०२, २९ जून २००८ (UTC)
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अब क्या हुआ? इतनी सारी कविताएँ एक साथ डाल दी, और मुझे जवाब नहीं लिखा।