गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तुम्हारा शब्द-कोश / प्रणय प्रियंवद
No change in size
,
10:47, 14 जून 2011
माँ समझ जाती कि तुम
भूखे हो।
जब तुम और
छिटे
छोटे
थे
तब एक ही जगह लगाते
टकटकी
योगेंद्र कृष्णा
529
edits