615 bytes added,
00:11, 15 जून 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= विनोद स्वामी
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>तोतै रा खायोड़ा बेरिया मीठा होवै
आ कैय’र तूं
म्हारै साम्हीं
आपरी मुट्ठी खोल दी
पण म्हैं जाणूं
फगत तोतै रा खायोड़ा ई
मीठा कोनी होवै
बेरिया,
तेरा चुगेड़ा भी।
</poem>