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प्रीत-16 / विनोद स्वामी

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तोतै रा खायोड़ा बेरिया मीठा होवै
आ कैय’र तूं
म्हारै साम्हीं
आपरी मुट्ठी खोल दी
पण म्हैं जाणूं
फगत तोतै रा खायोड़ा ई
मीठा कोनी होवै
बेरिया,
तेरा चुगेड़ा भी।