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नज़र से दूर भी जाने से कोई दूर न था / गुलाब खंडेलवाल
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04:37, 2 जुलाई 2011
छिपा था प्यार बहाने से, कोई दूर न था
पहुँच न पाई वहाँ क्यों गुलाब की
खुशबू
ख़ुशबू
!
हमारा मौन भी गाने से कोई दूर न था
<poem>
Vibhajhalani
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