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01:45, 6 जुलाई 2011 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=द्विज
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|पीछे=चाँहत करन प्रसिद्ध इत / शृंगार-लतिका / द्विज
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|सारणी=शृंगार-लतिका / द्विज/ पृष्ठ 6
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<poem>
'''दोहा'''
''(कवि संकल्प-विकल्प-वर्णन)''
अति मीठीं मति के बसैं, सतसंगी-जग-माँह ।
लखि उदारता ग्रंथ की, कैसैं करिहैं चाँह ॥५९॥
</poem>