Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=द्विज }} {{KKPageNavigation |पीछे=कलम गह्यौ मनकै सुदृढ़ / शृंग…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=द्विज
}}
{{KKPageNavigation
|पीछे=कलम गह्यौ मनकै सुदृढ़ / शृंगार-लतिका / द्विज
|आगे=रसिक रीझिहैं जानि / शृंगार-लतिका / द्विज
|सारणी=शृंगार-लतिका / द्विज/ पृष्ठ 6
}}
<poem>
'''सोरठा'''
''(कवि प्रार्थना-वर्णन)''

रसिक छमैंगे भूल, ग्रंथ लिख्यौ जिनके हितै ।
पढ़त-गुनत सुख-मूल, प्रति आखर सबकौं सुखद ॥
</poem>
916
edits