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मुझे देखते रहे जो बड़ी बेरुख़ी से पहले / गुलाब खंडेलवाल
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21:45, 6 जुलाई 2011
यही मुश्किलें हैं देती अहसास ज़िन्दगी का
मुझे ग़म भी थोडा दे दे, मेरी हर
खुशी
ख़ुशी
से पहले
कई बार यों तो आयीं तेरे बाग़ में बहारें
ये गुलाब पर कहाँ थे मेरी शायरी से पहले!
<poem>
Vibhajhalani
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