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क्या बने हमसे भला काग़ज़ की तलवारों से आज / गुलाब खंडेलवाल
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19:39, 7 जुलाई 2011
चाहते हैं खेलना कुछ हम भी अंगारों से आज
फिर
किसी के
किसीके
प्यार ने आवाज़ दी है आपको
देखिये झुककर तो कुछ इन ऊँची मीनारों से आज
Vibhajhalani
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