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हरेक सवाल पे कहते हो कि यह दिल क्या है / गुलाब खंडेलवाल
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19:56, 8 जुलाई 2011
तार दिल के जो मिले हों तो ये मुश्किल क्या है!
रौंद डाली हैं पँखुरियाँ तेरी पाँवों से
,
गुलाब!
उसने देखा भी न झुककर कि मुक़ाबिल क्या है
<poem>
Vibhajhalani
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