गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
गीत तो ये हैं सभी उनको सुनाने के लिए / गुलाब खंडेलवाल
No change in size
,
20:19, 8 जुलाई 2011
राह मिलती है न तेरे घर में आने के लिए
ज़िन्दगी की रात है यह एक
तेरी
ही
तेरी
, गुलाब!
और वह भी है मिली आँसू बहाने के लिए
<poem>
Vibhajhalani
2,913
edits