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कहने को तो वे हमपे मेहरबान बहुत हैं / गुलाब खंडेलवाल
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20:27, 9 जुलाई 2011
ख़ामोश पड़े दिल को तड़पना सीखा दिया
हम पर किसीके प्यार के
अहसान
एहसान
बहुत हैं
वे भाँप ही लेते हैं निगाहों का हर सवाल
Vibhajhalani
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