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पूरब-पश्चिम दोनों दिशि से उमड़ रही है आग / गुलाब खंडेलवाल
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19:50, 19 जुलाई 2011
[[category: कविता]]
<poem>
1965 के पाकिस्तानी आक्रमण पर
पूरब-पश्चिम दोनों दिशि से उमड़ रही है आग
घर में अर्गल लगा शान्ति से सोनेवाले जाग
1965 के पाकिस्तानी आक्रमण पर
<poem>
Vibhajhalani
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