गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हम हैं ख़ुशबू / रमेश तैलंग
3 bytes added
,
08:49, 5 सितम्बर 2011
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>
जब कभी हम
अँेरों
अँधेरों
के घर जाएँगे ।
उनका आँचल उजालों से भर आएँगे ।
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,867
edits