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05:36, 8 दिसम्बर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= जगन्नाथ त्रिपाठी
|संग्रह= करुणालय
}}
<Poem>
'''ऐसा भाई भला कहाँ मिलता है?'''
पुत्राभिषेक का मोह न हो वह माँ का हदय कहाँ मिलता है?
सुत-दुख से आहत प्राण त्याग दे ऐसा पिता कहाँ मिलता है?
सपने में भी लुब्ध न हो जो सिंहासन की सत्ता से
भरत सरीखा भाई ऐसा जग में भला कहाँ मिलता है?
<poem>