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[[Category:ग़ज़ल]]
क़द्र रखती न थी मता-ए-दिल <br>
सारे आलम <sup>1</sup> को मैं दिखा लाया<br><br>
दिल के इक क़तरा <sup>2</sup> खूँ नहीं है बेश <br>
एक आलम के सर बला लाया <br><br>
सब पे जिस बार ने गिरानी <sup>3</sup> की <br>उस को ये नातवाँ <sup>4</sup> उठा लाया<br><br>
दिल मुझे उस गली में ले जाकर <br>
और भी खाक में मिला लाया<br><br>
इब्तिदा <sup>5</sup> ही में मर गए सब यार <br>इश्क़ की कौन इंतिहा <sup>6</sup> लाया<br><br>
अब तो जाते हैं मैकदे बुतकदे<sup>7</sup> से मीर <br>
फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया
 
1-दुनिया
2-बूंद
3-अभाव
4-दुर्बल
5-शुरुआत,पहल
6-अंत
7-मंदिर,प्रेयसी का घर
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