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पानी के संस्मरण / रघुवीर सहाय

127 bytes added, 15:12, 17 दिसम्बर 2011
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|रचनाकार =रघुवीर सहाय|संग्रह=सीढ़ि‍यों पर धूप में / रघुवीर सहाय
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कौंध। कौंध । दूर घोर वन में मूसलाधार वृष्टि
दुपहर : घना ताल : ऊपर झुकी आम की डाल
बयार : खिड़की पर खड़े, आ गई फुहार
शान्त नदी गहरी
मन में पानी के अनेक संस्मरण हैं।हैं ।
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