Changes

रूमाल / रघुवीर सहाय

19 bytes added, 20:40, 18 दिसम्बर 2011
कहाँ रह गया ?
कहीं उसे मैं छोड़ न आया हूँ कुर्सी पर ? वह कितना
मैला था
उस से मैंने जूता नाक पसीना और क़लम की निब
पोछी थी ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,627
edits